विदेश

चीन की एक और रियल एस्टेट कंपनी दिवालिया होने के कगार पर

बीजिंग
 चीन में एक और रियल एस्टेट कंपनी डूबने के कगार पर पहुंच गई है। इसे बचाने के लिए देश के 12 बड़े बैंक जीजान से जुटे हैं। देश की दो बड़ी रियल एस्टेट कंपनियां Evergrande और Country Garden पहले ही दिवालिया हो चुकी हैं। कोर्ट ने इन दोनों कंपनियों को बेचने का आदेश दे दिया है। अब एक और रियल एस्टेट कंपनी China Vanke इसी रास्ते पर है। यह देश की सबसे बड़ी प्रॉपर्टी डेवलपर्स में से एक है। मूडीज ने इस कंपनी की क्रेडिट रेटिंग को जंक कैटगरी में डाल दिया है। चीन के सरकारी मीडिया के मुताबिक देश के 12 बड़े बैंक इस कंपनी को बचाने में जुटी हैं। इनमें देश की छह बड़े सरकारी बैंक शामिल हैं।

बैंक को अगले कुछ महीने में अरबों डॉलर का पेमेंट करना है। लेकिन कंपनी की हालत खस्ता है। अब इसे डूबने से बचाने के लिए चीन के 12 बड़े बैंक कंपनी को 11.2 अरब डॉलर का लोन देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। 40 साल पहले गठित यह कंपनी चीन की दूसरी सबसे बड़ी डेवलपर है। लेकिन मकानों की डिमांड में भारी कमी और कीमतों में गिरावट से उसकी माली हालत खराब हो गई है। बैंकों से लोन मिलने के उम्मीद में मंगलवार को कंपनी के शेयरों में तेजी आई लेकिन इस साल इसने निगेटिव रिटर्न दिया है। पिछले साल नवंबर से इसमें 30 फीसदी गिरावट आई है जबकि इस साल यह नौ फीसदी गिर चुका है। सोमवार को मूडीज ने Vanke की रेटिंग को डाउनग्रेड करके Ba1 कर दिया जिसे जंक रेटिंग माना जाता है।

इंडस्ट्री का गॉडफादर

यह कंपनी 1984 में शेनजेन में बनाई गई थी। इसके फाउंडर Wang Shi को चीन की रियल एस्टेट इंडस्ट्री का गॉडफादर कहा जाता है। टाइम मैगजीन ने उनकी तुलना डॉनल्ड ट्रंप से की थी। ट्रंप का बिजनस भी रियल एस्टेट से जुड़ा है। Vanke को 1991 में लिस्ट किया गया था और यह मेनलैंड चीन में लिस्ट होने वाली पहली प्रॉपर्टी कंपनी थी। इसमें सरकारी कंपनी शेनजेन मेट्रो की 33.4% हिस्सेदारी है। इसे अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने फाइनेंशियल मजबूत माना था लेकिन पिछले साल से यह नकदी संकट से जूझ रही है। 2023 में Vanke की सेल्स में 10% रही। इस साल भी जनवरी में कंपनी की बिक्री 32 फीसदी गिर गई।

चीन का रियल एस्टेट सेक्टर 2021 से जूझ रहा है जब Evergrande ने कर्ज के भुगतान में डिफॉल्ट किया था। इसके बाद कई कंपनियां इसकी चपेट में आ गईं। इस संकट के कारण होमबायर्स, इन्वेस्टर्स और कंपनियों का भरोसा बुरी तरह डगमगाया हुआ है। इसकी वजह यह है कि देश की जीडीपी में रियल एस्टेट की करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी है। रियल एस्टेट में बैंकों का बहुत पैसा लगा है। रियल एस्टेट के डूबने से बैंकों की भी हालत खस्ता है और इस कारण पूरी इकॉनमी के डूबने की आशंका पैदा हो गई है। सरकार ने इस सेक्टर को संकट से उबारने के लिए कई कदम उठाए हैं लेकिन अब तक ये बेअसर रहे हैं। 2023 में देश में प्रॉपर्टी सेल्स में 6.5% और प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट में 9.6% गिरावट आई है।

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